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आदत ों के जोंजाल

एक बार मिस्र िें कुछ कैमद य ों क उम्रकैद की सजा दे कर मक ले िें रखा गया था। सारे कैदी अपनी जवानी िें
पकडे गए थे और जेल िें ही बू ढे ह गए थे। बाद िें जब राज्यय की सरकार का तख्ता पलटा, त इन उम्रकैमदय ों
क आजाद कर मद या गया। पर वे त आजादी भू ल चु के थे। उनके मलए जे ल ही घर और बे मडयाों जेवर बन
चुकी थी।ों उन् ।ों ने मकले के बाहर जाने से इनकार कर मद या। उनके इनकार के बावजूद उन सबक जबरदस्ती
जेल से मनकाल मद या गया। उस वक्तए त वह चले गए, लेमकन शाि क आधे से ज्यादा कैदी जेल के दरवाजे
आकर कहने लगे मक हिे अों दर आने द , हिारा यही घर है ।

दरअसल ये कैदी र ज वहाों जीवन व्यतीत करते -करते वहीों के ह गए थे। जे ल ही उनका घर बन गया था। वह
बाहर की दु मनया भू ल चुके थे। जेल िें सिय से खाना मिल जाता था। सिय से स जाते थे। आपस िें बातचीत
कर लेते थे। मजोंदगी व्यतीत ह ही रही थी। बाहर उन कैमदय ों ने यह कहा मक हिें नीोंद नही ों आएगी। बे मडयाों न
ह ने से हिारे हाथ-पैर हलके ह गए हैं । हिसे चला नही ों जाता। बे मडय ों के मबना हिें अपने पैर हलके लगते हैं ।
उन्ें इसकी आदत बन गई थी।

ऐसे ही गु लािी की भी आदत ह जाती है । ठीक ऐसे ही अवगु ण ों िें रहने की भी आदत ह जाती है । और इस
आदत िें रिा इों सान सिय और तकदीर की भी परवाह नही ों करता। सिय यमद उनकी तकदीर बदल भी दे ता है ,
त भी वह उन अवगु ण ों क नही ों छ ड पाता। आदत ों के जोंजाल िें फोंसा इों सान न त तकदीर की उों गली पकडकर
चल पाता है और न ही सिय दे ख भमवष्यि का फैसला ले पाता है । यह त प्रत्यक्ष है मक वह कैदी याचना कर
रहे थे मक उन्ें अोंदर आने मदया जाए। हकीकत यह है मक मजन अवगु ण ों िें िनुष्य जी रहा ह ता है , वह अवगु ण
उसक अवगु ण ों की तरह नही ों मदखाई दे ते। इसमलए उस अवगु ण क त डने की जरूरत ही नही ों िहसू स ह ती,
क् मों क अवगु ण मदखाई ही नही ों दे ते। जेल ही जब घर लगता है , त आजादी उनके मलए क्ा िायने रख सकती
है ? मकसक आजाद करना है , जब जेल ही उसका घर है अवगु ण ही रस हैं , अवगु ण ही जीवन हैं ? इन अवगु ण ों से
बचना बडी िुश्किल बात है । व्यश्कक्त अवगु ण ों के साथ जीवनपयं त रहते हैं ।

िहात्मा गाों धी ने कहा है मक, 'आपके मवचार आपके शब्द बन जाते हैं , आपके शब्द आपके किम बन जाते हैं , आपके
किम आपकी आदतें बन जाती हैं , आपकी आदतें आपके िू ल्य बन जाते है और आपके िूल्य आपकी तकदीर बन
जाते है ।' बे हतर जीवन शैली आदत ों की मववे चना कर िूल्याों कन करने की सलाह दे गी। तय हिें करना ह गा मक
हि आदत ों के कभी दास न बनें और कभी भी गलत आदत ों क फलने-फूलने न दें ।

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