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शायद तु म हो नही सकते मेरे

पर अब भी तु म्हारा साथ खोजते हैं

चलो फिर ख्वाब दे खते हैं

फमलते हैं हर रोज तु मसे और

तु म्हारे अल्फाजोों मे वो एहसास खोजते हैं

चलो फिर ख्वाब दे खते हैं

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