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हजारीबाग चतरा धनबाद रांची िसंहभूम साहेबगंज पलामू

हजारीबाग
इटखोरी,चतरा िजला म एक पखंड मु यालय है |इटखोरी हजारीबाग से उ र म,
चौपारण से लगभग 16 िकलोमीटर पि म म ि थत है |यह ऐितहािसक और पुराताि वक
त य के साथ एक अदभुत थान है जो धािमक सिह णु ता और सां कृ ितक एकता को
दशाता है |1200 से भी अिधक साल पहले महान पाल और गु ा समाट ने छत से बाहर
देखा और प रसर म मां भदकाली का भ य मंिदर 9 व शता दी के दौरान बनाया | इन
मूितय और छिवय क कारीगरी एक बहत िवकिसत कला कौशल क िवरासत को
दशाता है |
और यिद चम कार, चम कार का पालन करने के िलए होते ह,तो मंिदर के िशविलंग का
1008 से अिधक ' िलंग ' उसक सतह म खुदी है |104 बोिधस व क छिवयाँ और 4
पमुख बु क मूितयाँ दोन ओर एक ' तूप ' जैसी संरचना दशाती है |नजदीक क
सतह पर प थर पर पैर के िनशान ह जो माना जाता है िक ये जैन धम के १० व तीथकर
शीतलनाथ के है |
इटखोरी म महद पाल के प थर के एक िशलाले ख पर यह संकेत ह िक पितहार शासक
के िनयं तण म छोटानागपुर के सीमा ेत 9 व शता दी ई. के दस
ू री छमाही के दौरान आए थे |

इटखोरी, हजारीबाग के उ र म एक गांव है जो एक पाचीन थल है जहाँ िहंदू ,जैन और बौ धम क सं कृ ितयाँ िमिशत प म आती ह |इटखोरी म २०० ई.पू.- १२०० ई.पू. के बौ अवशे ष ह, इटखोरी का नाम भी बौ धम से जुड़े है |
सतपहाड़ हजारीबाग क सात शे िणय क शृंखला म से एक है - च ान के बीच शैल िचत
के साथ यह दुिनया के कला दीघाओं म सबसे अिधक पभावशाली है | इस प थर के साथ
मछली,ध बेदार िहरण , पशु, छोटे पशुओ ं जैसे मढ़क के िचत िचितत है|कई मयकोिलथ और
पॉिलश िकया हआ प थर इन आशय म िचितत है

इ को गांव के िनकट सटी िह स क


खोज क गयी है | इितहासकार का
कहना है क यह गुफा काफ िवशाल
रही होगी और इसम करीब
२०० लोग एक साथ आसानी से बैठ
सकते थे | इस गुफा के िकनारे एक
नाला गुजरा है , िजसमे साल भर पानी बहता है | पुरात विवद ने
बताया िक पया सबूत इक ा िकया गया है िक पाचीन समय म मनु य इन गुफाओं म िनवास करता था |िवशाल आकार के गुफाओं िनकट छोटे -छोटे प थर िबखरे हए ह | बहार क ओर जंगली जानवर का िचत जैसे िहरण ,बाघ और
जंगली भस , णभंगरु के िचत ह| पु ष और मिहलाओं के िचत म हिथयार उठाए भी देखा जा सकता

इ को गांव हजारीबाग से ४५ िकलोमीटर दरू ी पर है |यह बड़कागाँव पखंड म है | पुरात ववेताव के


अनु सार यहाँ च ान पर पाई गयी पिटंग म यकालीन यु ग क है | इ को गांव म यह बात भी पमािणत क
जा चुक है क िहमयु ग म मानव अ यिधक गहरे गुफाव म रहते थे |
िवशे ष ारा टे ट म दज ह िक रॉक िचतकला लगभग 10000 साल पुराने ह , गुफा िचत क खोज
इ को गांव क पहािड़य से प तर यु ग के म य ितिथ से 30000 साल से अिधक अविध के पहले के ह |
िचतण म मु यतः देवी और देवताओं, पु ष और मिहलाओं, घरे लू पशुओ ं और कुछ पजाितय म से जंगली
जानवर िवशे षकर िहरण के िचत ह |
इ को गांव म यह भी सबूत है िक लोग ने गहरी भूिमगत गुफाओं म समय यतीत िकया है |चीनी िम ी के
बतन , िचितत िम ी के बतन , टैटू, िववाह और फसल के िचत गामीण घर क दीवार पर आज भी है,
लगता है सीधे इस पाचीन िवरासत से िवकिसत है |सतपहाड़ के पूव पि म रज म एक पंि म शैल कला के तीन िपंड ह | पहला सतपहाड़ -I है िजसमे जंगली भस क सं या अिधक और केवल उदाहरण के िलए िहरण ह |इितहासकार
कहते ह िक कला आइस एज के समय के ह |सतपहाड़ -II पि म क ढलान पर ि थत है िजसमे पशुओ ं क एक पंि है -- नीले बैल , बाघ, लंगरू , जंगली भसे और कई ऐसे पशुओ ं के आंकड़े ह |सतपहाड़ - III अपने पुराने प म थािपत
एक डबल लाइन के ध बेदार िहरण के िलए जाना जाता है |

खं डहर लगभग 3 िकलोमीटर तक एक छोटा रॉक कला साइट है जो पर, सतपहाड़ के अंत तक अपनी पि मी सीमा क ओर है| शायद िततली को भारतीय रॉक म िसफ यह देखा जा सकता है

बदम : एक गांव जो बरकागांव के दि ण पि म म है, एक िकले का िनमाण 1642 ई. म और भगवान िशव के चार मंिदर का िनमाण 17 व शता दी ई. म हआ है |
बरक ा : एक लॉक पधान म मंिदर के खंड हर गांव के वसंत के पास है |भवन के भीतर 5 िचितत प थर के टु कड
है |
करहरबड़ी : पांच तांबा के गले हए टु कड़े , िजनम से तीन अधूरा था, पाया गया है |
रामगढ़ : पारं िभक प तर युग के उपकरण दामोदर नदी के िकनारे पाए गए ह |

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