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समसामयिकी
मई(1 -1 5) - 2017
1. राजव्यिस्था और संविधान.................................................................................................................................5
3. ऄथाव्यिस्था ................................................................................................................................................. 16
4. सुरक्षा ........................................................................................................................................................ 29
5. पयाािरण .................................................................................................................................................... 33
6. विज्ञान और प्रौद्योवगकी................................................................................................................................... 38
6.2. मोबाआल टॉिर रे वडएशन की जानकारी के वलए तरं ग संचार पोटाल ...........................................................................38
6.6. XFEL (विश्व का सबसे बडा एक्स-रे लेजर) ने प्रथम एक्स-रे लेजर लाआट ईस्यपन्न की .....................................................40
7. सामावजक ................................................................................................................................................... 41
7.3 सामावजक सुरक्षा के वलए ‘िन IP - टू वडस्पेंसरीज’ स्कीम और अधार बेस्ड ऑनलाआन क्लेम सबवमशन’ .............................42
8. संस्कृ वत ...................................................................................................................................................... 45
9. एवथक्स ...................................................................................................................................................... 47
डेिलपमेंट बैंक ऑफ साईथ ऄफ्रीका, म्युवनवसपल बांड आशु को सहायता करने हेतु ऄपने बैलेंस शीट का ईपयोग करता है।
डेनमाका में शहरों के समूह (pool of the cities) में से ककसी एक शहर के वडफॉल्ट होने की वस्थवत में बांड धारकों के वहतों की रक्षा
के वलए एक एजेंसी मौजूद है।
जापान में जापान फाआनेंस कापोरे शन फॉर म्युवनवसपल फाआनेंस आस काया हेतु सॉिरे न गारं टी प्रदान करता है। भारत को ऐसी ही
सिोत्तम परम्पराओं को ऄपनाना चावहए।
म्युवनवसपल बांड को शहर के वित्तपोषण हेतु के िल एक ऄियि के रूप में देखा जाना चावहए। शहरों को राजस्ि के वलए और ऄवधक
स्रोतों के खोज करने की जरुरत है। आस कदशा में नए GST तंत्र के माध्यम से एकवत्रत फं ड एक निीन स्रोत वसद् हो सकता है। आन
सभी प्रयासों के वलए शहरी प्रशासन को सशक्त बनाए जाने की अिश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ संयुक्त राष्ट्र का अवधकाररक न्द्यायालय, वजसे सामान्द्यतः स्ितंत्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद से मामलों के रे फरल
से सम्बन्द्ध प्राप्त कर सकता हैं। संयुक्त राष्ट्र की कारा िाइ या रे फरल
"विश्व न्द्यायालय" कहा जाता है।
के वबना ऄवभयोजन शुरू कर सकता हैं।
विषय िस्तु संप्रभुता, सीमा वििाद, समुरी ी वििाद, व्यापार, प्राकृ वतक नरसंहार, मानिता के विरुद् ऄपराध, युद् ऄपराध,
संसाधन, मानिावधकार, संवध के ईल्लंघन, संवध व्याख्या अक्रामकता के ऄपराध
तथा ऄनेक ऄन्द्य मामले।
प्रावधकृ त करने ऄनुछिेद 93 के तहत, जो राज्य UN चाटार का समथान रोम संविवध (भारत ने रोम संविवध पर हस्ताक्षर नहीं
िाली विवधक ककया है)
करते हैं ICJ संविवध के भागीदार बन जाते हैं।
प्रकक्रया
गैर-संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य भी ICJ संविवध का समथान
करके ICJ में भागीदार बन सकते हैं।
प्रस्ययेक राज्य को सुवनवश्चत समझौते, घोषणा या संवध
ईपबंध के ऄनुसार ककसी भी वििादास्पद मामले को
सहमवत प्रदान करनी होगी।
ऄपीलें कोइ नहीं। ऄपील चैंबर। रोम संविवध का ऄनुछिेद 80, वनदोष
वििादास्पद मामले में ICJ वनणाय पक्षों पर बाध्यकारी है। वसद् कर कदए गए ककसी ऄवभयुक्त के वनरोध की
यकद कोइ देश वनणाय का पालन करने में विफल रहता है, ऄनुमवत प्रदान करता है वजसकी ऄपील लंवबत हो।
तो यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में ले जाया जा
सकता है, वजसमें प्रितान की समीक्षा करने, वसफाररश करने
और वनणाय करने का ऄवधकार है।
(India-Palestine)
सुर्खियों में क्यों?
कफवलस्तीनी राष्ट्रपवत महमूद ऄब्बास ने हाल ही में भारत का दौरा ककया।
आस यात्रा की मुख्य विशेषताएं
भारत और कफवलस्तीन ने पांच समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर ककए। राष्ट्रपवत ऄब्बास की यात्रा के दौरान ककये गए
MoUs की सूची में शावमल हैं:
राजनवयक और अवधकाररक पासपोटा पर िीजा आग्ज़ेम्शन (Visa Exemption) पर MoU
युिा मामलों और खेल में सहयोग पर MoU
कृ वष सहयोग पर MoU
स्िास््य क्षेत्र में सहयोग पर MoU
सूचना प्रौद्योवगकी और आलेक्रॉवनक्स पर
MoU
कफवलस्तीन के वलए "राजनीवतक समथान":
भारत ने कफवलस्तीन के मुद्दे के राजनीवतक
समाधान के वलए ऄपने समथान की पुवष्ट की।
प्रधानमंत्री ने कहा कक भारत एक सािाभौम,
स्ितंत्र, एकीकृ त और सक्षम कफवलस्तीन की
ईम्मीद करता है, जो आज़राआल के साथ
शांवतपूिाक रहे।
कफवलस्तीन और आज़राआल के मध्य शांवत
िाताा
भारत अशा करता है कक कफवलस्तीनी और
आजरायली पक्षों के बीच व्यापक समाधान
की कदशा में अगे बढ़ने हेतु िाताा को शीघ्र
ही पुनःअरम्भ ककया जाएगा।
कफवलस्तीन में क्षमता वनमााण
भारत कफवलस्तीन को सामग्री और तकनीकी
सहायता प्रदान कर रहा है तथा रामल्लाह में 12 लाख डॉलर की लागत के एक टेक्नो पाका का वनमााण कर रहा है।
दोनों देशों ने दोनों पक्षों के बीच सांस्कृ वतक अदान-प्रदान में िृवद् करने पर जोर कदया है। भारत ने ऄगले महीने अयोवजत होने िाले
ऄंतरराष्ट्रीय योग कदिस में भाग लेने हेतु कफवलस्तीन को अमंवत्रत ककया है।
कफवलस्तीनी राष्ट्रपवत ने अतंकिाद के सभी रूपों और आसकी सभी प्रकार की ऄवभव्यवक्तयों की थनदा की। साथ ही आस संकट से
वनपटने के वलए क्षेत्रीय एिं ऄंतरााष्ट्रीय प्रयासों का अ्िान ककया।
पृष्ठभूवम
भारत और कफवलस्तीन के मध्य ऐवतहावसक रूप से करीबी और मैत्रीपूणा संबंध रहे हैं।
1947 में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कफवलस्तीन के विभाजन के वखलाफ मतदान ककया था।
1974 में कफवलस्तीनी लोगों के एकमात्र और िैध प्रवतवनवध के रूप में कफलीस्तीन वलबरे शन ऑगेनाआजेशन (PLO) को स्िीकारने
िाला भारत पहला गैर-ऄरब राज्य था। भारत 1988 में कफवलस्तीन राज्य को मान्द्यता देने िाले प्रारं वभक देशों में से एक था।
1996 में, भारत ने गाज़ा में कफवलस्तीन ऄथॉररटी के वलए ऄपना प्रवतवनवध कायाालय स्थावपत ककया, वजसे बाद में 2003 में
रामल्लाह में स्थानांतररत कर कदया गया।
क्षेत्र से होकर गुजरता है तथा आसमे भारत की "संप्रभुता और क्षेत्रीय ऄखंडता" की ऄनदेखी की गइ है।
भारत का दािा है कक चीन न के िल भारत की संप्रभुता के प्रवत ऄसंिेदनशील है, बवल्क आसने बेल्ट एंड रोड पहल (पहले िन बेल्ट
िन रोड कहा गया है) के वलए ऄपनी योजना का खुलासा भी पूरी तरह नहीं ककया है। चीन के एजेंडे में पारदर्खशता की कमी है।
भारत का मानना है कक BRI वसफा एक अर्खथक पररयोजना नहीं है, बवल्क राजनीवतक वनयंत्रण स्थावपत करने के वलए चीन आसे
चररत्र को दशााता है। ऐसी पररयोजनाएं िोटे देशों को ऊण के चक्र में धके ल सकती हैं, पाररवस्थवतकी को नष्ट कर सकती हैं और
ऄजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रवतबंध लगाने के प्रयासों के विरुद् चीन की हठधर्खमता जैसे वद्वपक्षीय वििादों के एक िषा बाद वलया गया
है।
भारत द्वारा एक पयािेक्षक के रूप में भी आसमें शावमल नहीं होने का वनणाय आसके वलए कू टनीवत के दरिाजे बंद कर देगा। जबकक
ऄमेररका और जापान जैसे देश जो BRI का वहस्सा नहीं हैं लेककन कफर भी ईन्द्होंने ऄपने प्रवतवनवधमंडल भेजे हैं।
भारत में कु ि लोग यह भी तका दे रहे है कक भारत बीथजग सम्मलेन का बवहष्प्कार करके , OBOR के रूप में प्राप्त होने िाले कु ि बडे
महासवचि के आस रुख को देखते हुए भारत का पररयोजना से दूर होना एक ऄछिा विकल्प नहीं कहा जायेगा।
अगे की राह:
भारत को चीन के साथ ऄपनी विवशष्ट वशकायतों का सकक्रय रूप से समाधान वनकालना चावहए। ऄपनी थचताओं को ऄन्द्य भागीदार देशों
के साथ और ऄवधक प्रभािी तरीके से व्यक्त करना चावहए। आसके ऄवतररक्त भारत को बेहतर संपका (connectivity) स्थावपत करने के
प्रयास से बाहर रहने के बजाय स्ियं को एवशयाइ नेता के रूप में स्थावपत करना चावहए।
सैन्द्य ऄभ्यास वसम्बेक्स - यह भारतीय नौसेना और थसगापुर गणराज्य की नौसेना (RSN) द्वारा अयोवजत एक िार्खषक वद्वपक्षीय
नौसैवनक ऄभ्यास है। भारत और थसगापुर ने वििाकदत दवक्षण चीन सागर में ‘थसगापुर आं वडया मेरीटाआम बाइलेटरल एक्सरसाआज’
कॉरपैट- आं डोनेवशयाइ नौसेना और भारतीय नौसेना िषा 2002 से ही िषा में दो बार समवन्द्ित गश्त (coordinated patrol
:CORPAT) में भाग ले कर वहन्द्द महासागर क्षेत्र के आस महस्यिपूणा भाग को कमर्खशयल वशथपग और ऄंतरराष्ट्रीय व्यापार के वलए
सुरवक्षत और संरवक्षत रखने का प्रयास कर रही है। ऄंडमान एंड वनकोबार कमांड के तस्यिािधान में पोटा ब्लेयर में भारत-आं डोनेवशया
कॉपैट की 29िीं श्रृंखला प्रारम्भ हुइ है।
पृष्ठभूवम
भारत ने ऄब तक के िल एक गैर खाद्य फसल GM कपास, को ऄनुमवत दी है। नीवत अयोग ने हाल ही में, ऄपने तीन िषीय मसौदा
काया योजना (three-year draft action plan) में GM खाद्य फसलों का भी समथान ककया है।
भारत अयावतत खाद्य तेल पर लगभग 12 वबवलयन डॉलर का व्यय करता हैI जनसंख्या एिं प्रवत व्यवक्त अय के बढ़ने के साथ आस
व्यय में भी िृवद् होगी ।
2010 में, GEAC ने बीटी बैंगन के िावणज्यीकरण की भी मंजरू ी दी थी। हालांकक, ईसके बाद व्यापक विरोध के चलते पयाािरण
मंत्री ने आस प्रस्ताि पर हस्ताक्षर करने से आंकार कर कदया। ितामान में सिोच्च न्द्यायालय के समक्ष आस सन्द्दभा में एक मामला लंवबत
है।
GM सरसों के पक्ष में तका
श्रेष्ठतर फसलें - ये फसलें बेहतर ईपज देती हैं और कीट एिं रोग प्रवतरोधी होती हैं। जलिायु पररितान के खतरों से वनपटने के वलए
भविष्प्य में आनकी अिश्यकता होगी।
जैि-प्रौद्योवगकी में ईन्नवत - जैि प्रौद्योवगकी के क्षेत्र में वनिेश और विकास GM फसलों पर ही के वन्द्री त है।
स्िदेशी जीएम - मोंसैंटो के बीटी कपास के विपरीत GM सरसों सािाजवनक क्षेत्र में कदल्ली विश्वविद्यालय-अधाररत सेंटर फॉर
जेनरे टक मैनीपुलश
े न ऑफ़ क्रॉप प्लांट्स के द्वारा स्िदेशी रूप से विकवसत ककया गया है।
जीएम तेल का अयात - भारत हज़ारों टन खाद्य तेल का (तथा ऄन्द्य जीएम खाद्य पदाथों का) अयात करता है वजसके संबंध में ऄभी
तक अनुिवं शक बदलािों के कारण ककसी भी प्रकार के स्िास्थ सम्बन्द्धी दुष्प्प्रभाि या मृस्ययु के मामले सामने नहीं अये हैं।
GM सरसों के वखलाफ तका
‘सरसों सस्ययाग्रह’, जोकक ककसानों, ईपभोक्ताओं, िैज्ञावनकों और ऄन्द्य लोगों का प्रवतवनवधस्यि करने िाले सैंकडों संगठनों का एक
व्यापक प्लेटफामा है, तथा ऄन्द्य ऐसे संगठनों ने आस सम्बन्द्ध में वनम्नवलवखत थचताएं व्यक्त की हैं:
शावमल जोवखम - GEAC ने नागररकों के स्िास््य और पयाािरण के संबंध में ऄिैज्ञावनक रिैया प्रदर्खशत ककया है तथा GMOs के
जोवखम/खतरों से नागररकों की रक्षा के ऄपने ऄवधदेश को पूरा करने में ऄसफल रहा हैI आस सम्बन्द्ध में भी कोइ जानकारी नहीं है कक
GEAC में कोइ कृ वष विशेषज्ञ या ककसानों का प्रवतवनवध शावमल है या नहीं I
खाद्य श्रृख
ं ला पर प्रभाि - जीएम सरसों का प्रयोग हमारे खेतों और भोजन में रसायनों को बढ़ा देगा।
रोजगार में नुकसान - यहााँ तक कक जीएम सरसों को 25% तक ऄपनाने से भी सरसों पैदा करने िाले क्षेत्रों में लगभग 4 करोड से
ऄवधक रोज़गार कदिसों का नुकसान होगा I
कॉयर बोडा
यह कॉयर ईद्योग ऄवधवनयम 1953 (Coir Industry Act 1953)के तहत विकवसत एक सांविवधक वनकाय है।
यह पंजीकरण और लाआसेंस के माध्यम से कॉयर के ईस्यपादन और वितरण को वनयंवत्रत करता है।
यह ईद्योग के वलए मानकों को भी वनधााररत करता है।
यह कॉयर ईस्यपादों के ईस्यपादन के वलए सरकार का एक सलाहकार वनकाय है।
यह MSME मंत्रालय के ऄधीन काया करता है।
कृ वष ईन्नवत मेला
यह भारतीय कृ वष ऄनुसंधान संस्थान, कदल्ली द्वारा ककया जाने िाला एक िार्खषक अयोजन है।
यह कृ वष एिं पशुपालन में नइ तकनीकों और कें री ीय सरकार की महस्यिपूणा योजनाओं एिं कायाक्रमों के बारे में जानकारी साझा करता
है।
ऐप के बारे में
यह ICAR के भारतीय कृ वष ऄनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकवसत की गइ है।
पूसा कृ वष एप वनम्नवलवखत के बारे में जानकारी देता है -
ककसानों के वलए ईपलब्ध ईस्यपादों की ककस्मों के बारे में
ककया जाएगा। कक्रल मस्यस्यन को राष्ट्रीय न्द्यायक्षेत्र से बाहर ऄिवस्थत क्षेत्रों (Areas Beyond National Jurisdiction - ABNJ )
में भी बढ़ािा कदया जाएगा।
मस्यस्य व्यिसाय - सरकार व्यापार बाजार में विविधता लाने, FSSAI मानकों को ऄंतरााष्ट्रीय बाजारों के साथ सुसंगत करने,
वबचौवलयों के प्रभाि को कम करने और मिवलयों की इकोलेबथलग पर ध्यान देगी।
समुरी ी मस्यस्य पालन क्षेत्र के वलए ईद्यमशीलता विकास, वनजी वनिेश, सािाजवनक वनजी भागीदारी को प्रोस्यसावहत ककया जाएगा।
नाबाडा की मदद से सरकार मिु अरों को संस्थागत ऊण प्रदान करे गी।
समुरी ी पयाािरण और मस्यस्य पालन -
मौजूदा समुरी ी संरवक्षत क्षेत्रों (MPA) की समीक्षा एिं समय-समय पर मूल्यांकन करना।
यह नीवत पारं पररक मिु अरों के पट्टा ऄवधकार को सुवनवश्चत करने के वलए विवधक सहायता प्रदान करे गी ताकक ईनकी अजीविका
संरक्षण ईपायों से प्रभावित न हो।
ककमी के बीच EEZ में मिली पकडने की ऄनुमवत प्रदान करती है।
आन जहाजों का भारतीय ईद्यवमयों द्वारा या 49% विदेशी वनिेश के साथ संयुक्त ईपक्रमों द्वारा स्िावमस्यि या ऄवधग्रहण ककया जा
सकता है।
तट के ककनारे वनयर-शोर (near-shore) और ऑफ शोर (offshore) (ऄपतटीय) क्षेत्रों के बीच (200 मीटर और 500 मीटर
गहराइ के बीच के जल में) बफर ज़ोन का वनमााण और आस क्षेत्र में मस्यस्यन का विवनयमन "ताकक तट के वनकट क्षेत्रों के साथ-साथ
EEZ में गहरे समुरी ी क्षेत्रों में संसाधनों िृवद् की जा सके । "
आसके तहत WPI के अधार िषा के ऄलािा, िस्तुओं के समूह एिं ईनके भारांश को भी पररिर्खतत ककया गया है। देश में बदलती मांग
राजकोषीय नीवत के प्रभाि को दूर करने के वलए करों को WPI से बाहर रखा गया है।
WPI की गणना समांतर माध्य की बजाय ऄब गुणोत्तर माध्य से की जाएगी। CPI की गणना गुणोत्तर माध्य द्वारा की जाती है I
WPI से ऄप्रस्ययक्ष करों को हटाना आसे एक संगत और ईवचत ऄपस्फ़ीवतकारक (वडफ्लेटर) बनाएगा। यह आसे PPI (प्रोडू सर प्राआस
आं डक्
े स /ईस्यपादक मूल्य सूचकांक) और िैवश्वक प्रथाओं के करीब लाएगा।
आसी प्रकार GVA की गणना (करों के वबना) की जाती है, आसवलए यह आसे GVA के संगत बनाएगा।
IIP बास्के ट में बदलाि आसे ितामान ईस्यपादन संरचना के करीब लाएगा।
TRC की स्थापना समय पर सूचकांकों की समीक्षा करने और वबना देरी के अिश्यक पररितान करने में मदद करे गी।
(Voluntary Unemployment)
हाल ही में, नीवत अयोग के सदस्य वबबेक देबरॉय ने पूरे देश में स्िैवछिक बेरोजगारी में एक नाटकीय िृवद् का संकेत कदया है।
स्िैवछिक रोजगार
NSSO वनम्नवलवखत तीन व्यापक एवक्टविटी स्टेटस को पररभावषत करता है -
कायारत / वनयोवजत (एक अर्खथक गवतविवध में संलग्न)
काया की तलाश या काया के वलए ईपलब्ध ऄथाात 'बेरोजगार'
न तो काया की तलाश करना न काया के वलए ईपलब्ध होना।
श्रम बल / काया बल िस्तुतः एक देश या क्षेत्र में रोजगार में लगे लोगों या रोजगार की तलाश में जुटे लोगों की कु ल संख्या को प्रदर्खशत
करता है।
एक व्यवक्त को स्िैवछिक बेरोजगार के रूप में िगीकृ त ककया जाएगा यकद िह कायारत नहीं है और न ही कायाबल में शावमल होने के
वलए तैयार है। ऄवधकांशतः आसका कारण यह होता है कक वशक्षा के क्षेत्र में 'वनिेश' के बाद लोग एक वनवश्चत अय स्तर से नीचे काम
करना पसंद नही करते हैं।
अगे की राह
यह एक खतरनाक वस्थवत है क्योंकक ऄगर स्िैवछिक बेरोजगारी ईच्च स्तर तक बढ़ जाती है तो भारत का जनसांवख्यकीय लाभांश
व्यथा होगा। आसका स्तर बढ़ रहा है क्योंकक ईच्च कु शल नौकररयों में िृवद् ऐसी नौकरी चाहने िालों की संख्या की तुलना में कम है।
ऄवधकतर स्िैवछिक बेरोजगारी आसवलए है क्योंकक काम की ऄपयााप्त प्रकृ वत या ऄपयााप्त िेतन के कारण रोजगार की ऄनुपलब्धता है।
आसवलए, सरकार को आन स्िैवछिक बेरोजगारों के ईपयोग के वलए नौकररयों में विविधता लाने हेतु काया करना चावहए।
WIPO
WIPO बौवद्क संपदा सेिाओं, नीवत, सूचना और सहयोग के वलए एक िैवश्वक मंच है।
यह संयक्त
ु राष्ट्र की एक स्ि-वित्तपोवषत एजेंसी है। आसके 189 सदस्य देश हैं।
आसे 1967 में स्थावपत ककया गया और आसका मुख्यालय वजनेिा, वस्िट्जरलैंड में है।
CIPAM
CIPAM DIPP (औद्योवगक नीवत और संिधान विभाग) के तहत बनाया गया एक पेशेिर वनकाय है।
आसे राष्ट्रीय बौवद्क संपदा ऄवधकार नीवत 2016 के कायाान्द्ियन का काया सौंपा गया है।
आसका ईद्देश्य IPR (बौवद्क संपदा ऄवधकार) के बारे में जागरुकता फै लाना, सहजता से IPR दावखल करने को प्रोस्यसावहत करना,
ऄन्द्िष
े कों को IP पररसंपवत्तयों के व्यिसायीकरण के वलए एक मंच प्रदान करना है।
फ्यूल युरेवनयम डाआ युरेवनयम डाआ UO2 या मेटल प्लुटोवनयम डाआ अक्साआड ओर UO2
अक्साआड अक्साआड (UO2) ऄलग कम्बीनेशन के साथ
S-स्माटा लीडरवशप- राज्यों पर नक्सल विरोधी ऄवभयानों का "ईत्तरदावयस्यि" होगा और राज्य "गुररल्ला हमलों से वनपटने के वलए
एक एकीकृ त रणनीवत" तैयार करें गे।
ब्रह्मोस को संयुक्त रूप से DRDO (भारत) और NPOM (रूस) द्वारा विकवसत ककया गया था। भारत द्वारा 2016 में वमसाआल
टेक्नोलॉजी कं रोल ररजीम (MTCR) का सदस्य बनने के बाद, भारत और रूस ऄब 600 ककमी से ऄवधक मारक क्षमता िाली नइ पीढ़ी
की ब्रह्मोस वमसाआलों को विकवसत करने की योजना बना रहे हैं। आससे पहले की श्रेणी की मारक क्षमता 300 कक.मी. तक ही सीवमत
थी।
कन्द्िश
ें न ऑन द कन्द्सिैशन ऑफ़ माआग्रेटरी स्पीशीज ऑफ़ िाआल्ड एनीमल्स (CMS) या बॉन कन्द्िश
ें न
यह संयुक्त राष्ट्र पयाािरण कायाक्रम (UNEP) के तस्यिािधान में एक पयाािरण संवध है I
CMS प्रिासी जीिों और ईनके अिास स्थलों के संरक्षण और संधारणीय ईपयोग के वलए एक िैवश्वक मंच प्रदान करता है। िे प्रिासी
प्रजावतयां जो विलुप्त होने की कगार पर हैं आस कन्द्िेंशन के पररवशष्ट I के तहत सूचीबद् हैं I
CMS ईन देशों को जहााँ से होकर प्रिासी जीि गुज़रते हैं एक मंच पर लाता है। आन देशों को रें ज स्टेट्स (Range States) कहा
जाता है। साथ ही सम्पूणा प्रिासन रें ज (migratory range) में ऄंतरााष्ट्रीय रूप से समवन्द्ित संरक्षण ईपायों को विवधक अधार प्रदान
करता है।
यह प्रिासी प्रजावतयों, ईनके अिास-स्थलों तथा प्रिासन मागों (migration routes) के संरक्षण में एकमात्र विशेषज्ञता प्राप्त
ग्लोबल कन्द्िेंशन है। भारत आस कन्द्िेंशन का एक सदस्य है I
सूखे के कारण
िषाा अधाररत कृ वष (Rainfed Agriculture)- पूिोत्तर मानसून की ऄसफलता और थसचाइ सुविधाओं का ऄभाि सूखे का मुख्य
कारण है।
शहरीकरण ने झीलों और ऄन्द्य क्षेत्रों को कं क्रीट सतहों में पररिर्खतत कर कदया है वजससे जल संरक्षण नहीं हो पाता है।
ऄंतरााज्यीय नदी जल वििाद: दवक्षणी राज्य नदी जल को साझा करने की समस्या पर चचाा हेतु एक साथ बैठक करने और ईसके
समाधान के वलए तैयार नहीं हैं।
जल के सांस्कृ वतक संपका का लुप्त होना: ऐवतहावसक रूप से बडी संख्या में तालाब एक-दूसरे से जुडे हुए होते थे वजससे एक तालाब
का ऄवतररक्त जल बहकर दूसरे तालाब में अ जाता था। आसके ऄवतररक्त जल संरक्षण हेतु मनाये जाने िाले स्ययोहारों का लुप्त हो जाना
अकद।
दोषपूणा फसल प्रवतरूप: सरकार द्वारा प्रदत्त ईच्च न्द्यूनतम समथान मूल्य (MSP) के कारण ककसानों द्वारा धान, गन्ना जैसी जल गहन
फसलों को प्राथवमकता दी जाती है।
फोटीकफके शन का ईद्देश्य:
भोज्य पदाथों के फोटीकफके शन का लक्ष्य कु पोषण से लडना है।
फोटीकफके शन का तास्यपया:
फोटीकफके शन के तहत महस्यिपूणा विटावमन और खवनज तस्यिों जैसे अयरन, अयोडीन, थजक, विटावमन A और D को भोज्य पदाथों
जैसे चािल, दूध एिं नमक में वमलाया जाता है ताकक आनके पोषक तस्यिों में िृवद् हो सके ।
प्रोसेथसग से पहले पोषक तस्यि नहीं भी हो सकते हैं।
यह एक सामान्द्य, प्रमावणक, ककफायती और संपरू क रणनीवत है वजसे पूरे विश्व में प्रयोग ककया जा रहा है।
फ़ू ड सेफ्टी एंड स्टैंडड्सा रे गल
ु ेशन्द्स, 2016 के ड्राफ्ट में चािल, दूध, नमक और तेल के फोटीकफके शन हेतु मानक वनधााररत ककए गए
हैं।
हालांकक, विश्व के कु ल कु ष्ठ रोवगयों के लगभग 60% रोगी भारत में रहते हैं। प्रवत 1,00,000 अबादी पर एनुऄल (िार्खषक) न्द्यू के स
आस बैक्टीररया से संक्रवमत लोगों के वनकट संपका में रहने िाले लोगों की सुरक्षा हेतु MIP की व्यिस्था की जाएगी।
MIP का प्रयोग ऄब नेशनल लेप्रसी एवलवमनेशन प्रोग्राम (NLEP) के ऄंतगात भी ककया जाएगा। आससे बैक्टीररया संबंधी रोग के
विरुद् प्रवतरक्षा प्रणाली को बढ़ािा वमलेगा।
7.3 सामावजक सुरक्षा के वलए ‘िन IP - टू वडस्पेंसरीज’ स्कीम और अधार बेस्ड ऑनलाआन क्लेम सबवमशन’
(One IP- Two Dispensaries Scheme and Aadhaar Based Online Claim Submission for Social Security)
श्रम एिं रोजगार राज्य मंत्री ने दो योजनाएं- िन IP-टू वडस्पेंसरीज’ स्कीम और अधार बेस्ड ऑनलाआन क्लेम सबवमशन अरम्भ की
है।
योजनाओं के मुख्य थबदु
ESIC (Employee's State Insurance Corporation) की टू वडस्पेंसरीज स्कीम में बीमाधारक व्यवक्त (IP-Insured
Person) को दो वडस्पेंसरी चुनने का विकल्प कदया गया है। आस योजना के तहत वनयोक्ता के माध्यम से एक वडस्पेंसरी स्ियं के वलए
तथा दूसरी वडस्पेंसरी पररिार के वलए प्राप्त करने की व्यिस्था की गइ है।
आससे सभी IPs, विशेष रूप से प्रिासी कमाचाररयों को लाभ प्राप्त होगा जो ऄपने मूल राज्य के ऄवतररक्त ऄन्द्य स्थान पर कायारत हैं।
आसके ऄवतररक्त, अधार बेस्ड ऑनलाआन क्लेम सबवमशन स्कीम, EPFO के तहत एक असान PF (प्रोविडेंट फं ड) फाआनल सेटलमेंट
प्रदान करे गी।
EPFO (कमाचारी भविष्प्य वनवध संगठन) क्या है? ESIC (कमाचारी राज्य बीमा वनगम) क्या है?
यह श्रम एिं रोजगार मंत्रालय के तहत एक यह श्रम एिं रोजगार मंत्रालय के ऄधीन एक िैधावनक, स्िायत्त वनगम है।
सांविवधक वनकाय है। यह सेिावनिृवत्त लाभ
आसकी स्थापना 1948 में की गइ थी।
योजना कक्रयावन्द्ित करता है। यह योजना सभी
यह काया के दौरान लगी चोट के कारण हुइ मृस्ययु, बीमारी, मातृस्यि और
िेतनभोगी कमाचाररयों के वलए ईपलब्ध है।
विकलांगता संबंधी वस्थवतयों में संगरठत क्षेत्र के कमाचाररयों को वचककस्यसा
EPF योजना, 20 या ऄवधक व्यवक्तयों को
और नकद लाभ प्रदान करता है।
वनयोवजत करने िाली कं पवनयों पर लागू होती
है। यह मवणपुर, वसकक्कम, ऄरुणाचल प्रदेश और वमजोरम को िोडकर सभी
सहकारी सवमवतयों पर लागू नहीं होता है। कु ि राज्यों में 10 या ऄवधक व्यवक्तयों को वनयोवजत करने िाले गैर-मौसमी
साथ ही साथ ईस संगठन पर लागू नहीं होता कारखानों तथा 20 या ऄवधक व्यवक्तयों को वनयोवजत करने िाले संस्थानों के