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आओ , पाओ , जाओ
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जीवन से सा ा कार
मुझे मो तथा स ची शांित कैसे िमली
सवािधकार सुरि त
इस पुःतक का कोई भी भाग त य को बदलकर कसी भी प म लेखक
क िलिखत अनुमित के बना नह ं संचा रत कया जा सकता है । त य को
बदले बना सुसमाचार ूचार के उ े ँय से इस क़ताब क फोटोकॉपी इ या द
करने क अनुमित लेखक क ओर से इसी अिधकार सूचना म द जाती है ।
ूकाशक:
बृजेश चोरो टया
अपनी ूित सुरि त करने के िलये स पक कर - Chorotia@gmail.com
मू य: 30 पये
ःमृित
मे रे प ता ःव . ौी रा म ःव प चो रो ट या क या द म
सम पत
म मेर म मी ौीमती मीरा चोरो टया के िलये ूभु का ध यवाद करता हँू
जो मेरे िलये ूेरणाौोत रह ह। मेर प ी ूेरणा के िलये भी म ूभु का
ध यवाद करता हँू िजसके ूेम तथा साथ के बना मेर गवाह अधूर है ।
म भी उनमे से एक हँू ।
म भौगोिलक सूचना ूणाली (GIS) से जुड़े यवसाय म कायरत हँू तथा उपमह से ूा
िचऽ कई बार अपने काय के दौरान दे खता हँू । मैने पाया है क जो चीज हम ऊँचाई से
दे ख पाते ह उनको समान धरातल पर रहते हए
ु दे खना और समझना असंभव है । आज
जब म जीवन को मानवीय कोण से ऊपर उठकर आि मक नज़र से दे खता हँू तो
जीवन का एक अलग ह िचऽ मुझे नज़र आता है । वह म आपको इस पुःतक के ारा
दखाना चाहता हँू ।
मेरा ज म हं द ू प रवार म हआ
ु था, इसिलए मेर अपनी एक वचारधारा थी तथा जब
मने पहली बार मसीह व ास (ईसाई धम नह ं) के बारे म सुना तो मेरे िलए यकायक
इसम व ास करना आसान नह ं था । मेरे मन म कई ू उठे थे िजनके उ र पाये
बना मेरे िलये इस मत पर व ास करना नामुम कन था। ःवयं ई र ने मेरे उन सभी
सवाल का जवाब दया जो मेरे व ान ूभा वत तथा तक संचािलत दमाग म उठे थे।
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या आपको नह ं लगता क आप
िज दगी से कुछ और चाहते ह? “ूिस दाशिनक, इितहासकार और
तकशा ी, बशाड रसैल, जो अनेक
या आपको ऐसा लगता है क जीवन दाशिनक मथ के लेखक रहे है तथा जो
म कुछ तो कमी है ? या आप अपनी अपने नािःतक वचार के िलए जाने
जाते ह, उ ह ने कहा है – जब तक
िज दगी बेहतर जीना चाहते ह –
हम एक ई र क क पना ना कर या
भरपूर के साथ? उससे कह ं बेहतर,
उसके अिःत व को ना मान ल, तब
सफल और साथक, जैसी वो आज है !
तक जीवन के उ े ँय के बारे म सोचना
***
जीवन से सा ा कार 16
***
शायद कोई मुझसे ववाद करना चाहे क वै ािनक ने डॉली भेड़ का लोन
बनाया है । बना कसी ववाद म पड़े , म िसफ़ इतना कहँू गा क जो लोन
वै ािनक ने बनाया था उसम भी आरि भक ऊ क या ड .एन.ए. पहले से
जी वत भेड़ से उठाया गया था, िजसको ई र ने ह रचा था।
िजतने लोग ऐसा दावा करते ह, उन सभी से म एक सवाल करना चाहता हँू
तथा एक सुझाव दे ना चाहता हँू ।
इस भौितक दिनया
ु म, हम एक कहावत अ सर सुनते ह – व ास, दे खने
से होता है – परं तु आि मक दिनया
ु म – दे खना, व ास से होता है । ई र
को िसफ़ व ास से ह दे खा जा सकता है । य द आप उसे दे खना चाहते ह
तो व ास क िजए क वो है और उ ह िमलता है जो पूरे मन तथा व ास
से सह जगह उसको खोजने क इ छा रखते ह।
***
21 प रचय
***
जीवन से सा ा कार 22
वो नीचे बैठ गया जैसे उसके घुटन म जान न हो और ज़ोर ज़ोर से रोने
लगा। उसे अपने आप पर शम आ रह थी। वो फ़ाइल उसक आंख के
सामने घूम रह थीं। बस यह वचार बार बार आ रहा था क कोई कभी भी
इस कमरे के बारे म ना जाने – हो सके तो इस कमरे को हमशा के िलए
ताला लगाकर चाबी कह ं छुपा दे ।
***
जीवन से सा ा कार 28
1[म ी, मरकुस, लूका तथा युह ना रिचत सभी सुसमाचार परमे र के मानव प म
मनुंयजाित के पाप मा करने के िलए एक उ ारकता के ःव प म आने क खुशखबर है ।
यह म ी, मरकुस, लूका तथा युह ना नामक चेल क नज़र से तथा प वऽ आ मा क ूेरणा से
यीशु मसीह के आने क तथा उनके ारा कए गए प वऽ बिलदान का ववरण है जो हम
परमे र के असीिमत ूेम तथा दया के बारे म बताते ह]
29 यह पुःतक य
***
जीवन से सा ा कार 30
***
म इसी स चाई के बारे म सबको बताना चाहता हँू , चाहे वो कसी भी धम,
जाित अथवा वचारधारा के मानने वाले य न ह । उन सभी लोग तक
पहंु चने के िलए, िजन तक म य गत प से नह ं पहँु च सकता, मने
अपने अनुभव इस पुःतक म िलखे ह ता क वे इस स चाई से अनिभ न
रह और उनके व ास करने से परमे र क म हमा हो और उनका उ ार
हो।
अपनी सार खोज तथा वचार के बाद मने यह िनंकष िनकाला क ूभु
यीशु को जानने से पहले म परमे र के समीप ह नह ं जाता था और न ह
उसके बारे म कुछ सोचता था। म बस जीवन से या तो संघष करता जा रहा
था या सभी बात को ऐसे लेने लगा था जैसे वे मेर िनयित थी, जैसे कई
लोग कहते थे – मेर कःमत।
जीवन से सा ा कार 34
म कौन हँू ?
ई र कौन है ?
सृ का रचनाकार कौन है ?
दसरे
ु तरह के सवाल म ‘ या’ क ौेणी आती है -
पाप या है ?
म ई र को पाने के िलए या क ँ ?
मेरे जीवन का उ े ँय या है ?
मृ यु के बाद या होता है ?
ःवग और नक या होता है ?
दिनया
ु म बीमा रयां और दःख
ु य होते ह?
हम मृ यु य आती है ?
अपने आप से आप ये सवाल
मेर रचना कैसे हई
ु ?
कर और दे ख क आपको या
मेरे पाप कैसे मा हो सकते ह? उ र िमलते ह?
***
यीशु मसीह के बारे म ूथमतया सुनने के तुरंत बाद जो पहला काम मने
कया वो ये था क मने ई र, धम तथा मो के बारे म अपने सारे ान
को जो क ह द ू शा , स तमत, अ बेड़करवाद क क़ताब तथा बौध धम
और राधाःवामी स संग के मंथ को पढ़कर अथवा स संग म जाकर मने
सीखा था, उन सबको मने उपरो ू क कसौट पर कसा और पाया क
ये सभी एक समान बात करते ह परं तु मेरे सारे सवाल का उ र दे ने म
असमथ ह।
जीवन से सा ा कार 36
***
मेरा ज म ह द ू प रवार म हआ
ु था। हम लोग इस धम क पालना
मूितपूजा के ारा नह ं करते थे, बि क हम मौन साधना तथा स संग प ित
म व ास करते थे। जैसा हम िसखाया गया था उसके अलावा हम ई र के
बारे म कसी भी और तर के से नह ं सोचना जानते थे।
पर इसी र ित से ूकट हआ
ु है क जब हम पाप ह म थे तभी मसीह हमारे
खाितर मानव प म आया ता क हम हमारे पाप से छुटकारा दलाए तथा
परमे र के साथ, जो क हमार जड़ है और िजसके बना हम सूखते जा रहे
ह, हमारा मेल कराये। उसने हमारे जैसा साधारण पर तु पापर हत जीवन
जीया, हमारे िलए कांट और कोड़ क मार को सह िलया, हमारे पाप क
क मत चुकाने के िलए बूस पर अपने ूाण याग दए तथा तीसरे दन जी
उठकर 40 दन तक अपने चेल के साथ रहा और फ़र जी वत ःवग म
उठा िलया गया। अब वो पता परमे र के दा हनी ओर बैठा है और हमारे
िनिम वकालत करता है । मने इस संदेश पर व ास कया है और अपने
पाप से प ाताप कर यीशु को अपना मो दाता महण कया है । इसिलए मेरे
पास अनंत जीवन है तथा परमे र म संपण
ू ् आशा है ।
***
43 पा रवा रक पृ भूिम
मेरा व ास
इन सब बात का दंूभाव
ु ये हआ
ु क म ई र के बारे म लापरवाह हो
गया था। भजन और साधना वैसे भी मेरे िलए बहत
ु मुिँकल थी और
मूितय म मेरा व ास था ह नह ं। सो कुल िमलाकर परमे र के वषय म
बेपरवाह हो गया जैसे क कोई ई र हो ह नह ं। म व ासह न और
ई रर हत इं सान बन गया था।
बाइबल कहती है :
***
45 पा रवा रक पृ भूिम
पापा
जहाँ तक मुझे याद पड़ता है , पापा ने कुछ दोःत के साथ बीयर पीने से
शराब पीने क शु आत क थी। फ़र जैसे जैसे नशे क आदत और ज़ रत
बढ़ती गई, बीयर पीछे छूट गई और शराब हावी होती चली गई। हालां क
उ ह ने अ छा जीवन जीने क भरपूर कोिशश क परं तु कुछ हद तक ह
सफ़ल हो सके। इससे मुझे यह यक न हो गया क अपने ूयास से अ छा
जीवन जीना द ु र है ।
***
म मी और भाई-ब हन
***
प रवार म मुसीबत
हम अपने पापा से ह डरने लगे थे, और हमारे पास कोई आशा नह ं थी।
हमारे और उनके बीच म एक दरार आ रह थी जो बढ़ती ह जा रह थी।
आज म इस बात को समझता हँू और जानता भी हँू क शैतान हमारे
प रवार का नाश करने क कोिशश कर रहा था ता क हम ई र से दरू बने
रह और स ची खुशी से वंिचत रह। ूभु यीशु ने इस बारे म चेताते हए
ु कहा
है क शैतान तो एक झूठा है जो लूटने, घात करने और नाश करने के िलए
ह आता है । वो काफ़ हद तक इस म सफल भी हो गया था।
49 पा रवा रक पृ भूिम
***
दसरा
ू कःसा तब का है जब म 8वीं क ा म था और पंकज शायद तीसर
या चौथी क ा म रहा होगा। हम लोग गूजर क थड़ नाम क जगह पर
रहते थे। मालवीय नगर िःथत हमारे ःकूल से घर तक क कुल दरू कर ब
8-10 कलोमीटर होगी। यातायात के सुलभ साधन न होने के कारण सुबह
तो पापा हम छोड़ दे ते थे पर वापस आते समय कई बार हम पैदल ह आ
जाते थे। उसके पीछे मेरा दसरा
ू उ े ँय अपने जेबखच के िलए पैसे बचाना
भी होता था।
पर तु म एक बात म बहत
ु द ु ता दखाता था। पैदल चलते समय जब म
थकने लगता था तो तेज़ चलकर म थोड़ा आगे जाकर बैठ जाया करता था
और जब वो मुझतक पहँु चकर बैठने क कोिशश करता तो म घर पहंु चने म
दे र होने के डर से उसे चलते रहने के िलए बा य करता था। इस बात को
सोचकर म आज बहत
ु आ चच कत होता हँू क म ऐसा य कया करता
था, यक नन ऐसी द ु ता करने से मुझे कभी कोई लाभ नह ं हआ
ु था।
ये बड़े दःख
ु क बात है क शार रक संबध
ं से जुड़े पाप जवान लोग पर
अपना िशकंजा जकड़ लेते ह क चाह कर भी वे इसम से अपनी साम य से
तो बाहर नह ं ह आ पाते ह।
ऐसे पाप करते समय मेरा मु य बहाना ये होता था क सभी ऐसा करते ह
तो इसम कौन सी बड़ बात है । शायद कई लोग इन बंधन म बंधे ह पर तु
इसका अंगीकार करने क ह मत उनम नह ं है । िसफ वे लोग जो प वऽ
आ मा के ारा ूे रत कए जाते ह वे उसका अंगीकार तो करते ह ह साथ
ह साथ मा मांगकर आगे का जीवन ूभु के साथ चलाते ह।
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परमे र का मेरे जीवन को तैयार करना
ऐसी कुछ घटनाओं के अित र यादातर लड़ाईयां मेर अपनी नह ं होती थीं
बि क म दसर
ू के िलए लड़ता था। म सोचता था क दसर
ू क सहायता
करने से ह शायद मुझे शांित िमले, पर मेर इस आदत ने कभी कभी मुझे
बहत
ु शिमदा भी कया।
जीवन से सा ा कार 54
***
55 परमे र से िमलन
मुझे बड़ा आ य हआ
ु क इस य को मेरे िलए कहां से अगुवाई और
बोझ िमला य क म तो पहली बार आया था। ये प वऽ आ मा कौन है जो
मुझे जानता है और मेरे िलये बोझ दे ता है ?
जीवन से सा ा कार 58
***
ॐ भूभुवः ःवः
त स वतुवरे यं
भग दे वःय धीम ह
िधयो योनः ूचोदयात।्
***
जैसा मने पहले बताया है क ूभु यीशु के बारे म बताए जाने पर तुरंत ह
मने उन पर व ास नह ं कर िलया और इससे पहले क म ूभु यीशु को
परमे र का पुऽ और बाइबल को परमे र का एकमाऽ स य वचन मान
लेता, मने इसे और सभी उन शा को जो मने तब तक पढ़े थे, पहले
बताए सारे सवाल क कसौट पर कसा। मने गीता, रामायण तथा महाभारत
को अपनी पा य-पुःतक के प म पढ़ा था। पा यपुःतक म ह संतमत के
बारे म मने पढ़ा था तथा कबीर, रह म तथा मीरा के दोह का भी अ ययन
कया था। मने ओशो रजनीश का सा ह य पढ़ा था। मने दाद जी को पढ़कर
सुनाते हए
ु राधाःवामी स संग के सा ह य का अ ययन कया था और
अपनी एक दाद (पापा क बुआ) से ओम शांित व ास के बारे म सुना था
तथा पापा के उ सा हत करने पर डॉ टर अ बेड़कर के जाितवाद तथा धम
के बारे म य वचार को भी पढ़ा था।
यह सब बात जानते हए
ु जब मने बाइबल पढ़ना शु कया तो मने इसम
अलग तरह क बात पा जो क ई र के बारे म मेरे पुराने वचार से
बलकुल िभ न थीं जो मने बचपन से सीखी थीं।
दसर
ू बात जो मने सीखी वो ये थी क ज म-मरण का कोई चौरासी लाख
योिनय का चब नह ं है बि क िसफ एक मानव जीवन है िजसके बाद याय
का होना और फर अनंत जीवन का िनणय होना िनि त है । यह अनंत
जीवन ःवग म हो या नक म, यह याय के बाद ह सुिनि त होगा। एक
अनोखी बात बाइबल से मुझे पता चली क हमारे अन त जीवन का िनणय
हमारे ह हाथ म है । हम परमे र क क णा को ितरःकार या ःवीकार कर
अपनी िनयित ःवयं िलखते ह। य द हम इसे ःवीकार करते ह और ूभु
यीशु म व ास करते ह तो तुरंत ह हमारे नाम जीवन क कताब म िलखे
जाते ह और द ड क आ ा हम पर से ख म हो जाती है ।
और फर इ फिसय 2:8,9 म –
और रोिमयो 10:10 –
“दे ख, म ार पर खड़ा हआ
ु खटखटाता हँू ; य द कोई मेरा श द सुनकर
ार खोलेगा, तो म उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन क ं गा और
वह मेरे साथ।”
[ूकािशतवा य 3:20]
उपरो वचन के अनुसार मने अपना दल ूभु परमे र के िलए खोल दया
था क वो उसम वास करे । यह जानने के बाद क म पापी था और परमे र
प वऽ, मने ूाथना के साथ अपना जीवन ूभु यीशु के सुपुद कर दया था।
मने अपने सभी पाप से तौबा क थी जो मने जाने-अनजाने म कये थे
और परमे र को अपने जीवन का ःवामी बना िलया।
“हे ूभु, म ःवीकार करता हँू क मने अपने जीवन म जाने और अनजाने म
बहतु से पाप कये ह। म अंगीकार करता हँू क ःवभाव से ह म पापी हँू ।
म यह भी जान गया हँू क आप प वऽ परमे र ह और आपके िसवा और
कोई मेरा ूभु नह ं है । ूभु यीशु मसीह, िसफ आपने मेरे पाप को मा
करने का वायदा कया है और मेरे पाप के िलए अपने ूाण दये ह। 2000
वष पहले आप मेर खाितर मरे , तथा तीसरे दन जी उठे और फर जी वत
ःवग म उठा िलए गए। म आपसे ूाथना करता हँू क मेरे पाप को मा
कर द िजए और मेरे जीवन का सारा अिधकार तथा िनयंऽण अपने हाथ म
69 प रवतन
परमा मा ने मेर ूाथना को सुन िलया और उसक असीम शांित मेरे जीवन
म ूवेश कर गई। परमे र के वचन के अनुसार ूभु ने मुझे अपनी संतान,
प वऽ आ मा का मि दर, तथा नई सृ बना दया। अब मुझे ई र को
खोजने के िलये आराधना के ःथान म जाने क ज़ रत नह ं थी।
मने परमे र पर भरोसा करके जीना सीख िलया है और उसने मेरे जीवन के
सभी ेऽ म अपनी जी वत उपिःथित भर द है तथा अपना आनंद दया
है । उसने मेर ूाथनाओं के उ र दये, मेरे प रवार का उ ार कया, मुझे
अ छ नौक रयां द तथा उनम सफलता भी द और एक व ासी तथा बहत
ु
ह अ छ प ी द जो परमे र से ूेम करती है और उसका भय मानती है ।
परमे र ने मुझे वो सब कुछ दया जो एक य अपने जीवन म चाहता
है ।
मेरा जीवन ई र क कृपा से पूर तरह से बदल गया। हालां क मेरे जीवन
म पर ाएँ िनरं तर आती रह ं, पर तु म भी प वऽ जीवन जीने के िलए
परमे र के अनुमह से िनरं तर अपने शर र से लड़ता रहा हँू क पाप न क ँ ।
म कई बार िगरता भी हँू परं तु परमे र अपनी असीम क णा से मुझे उठा
लेता है और अपने साथ साथ चलाता है । वो मेर हरे क आवँयकता को पूरा
करता है । सभी खतर और मुसीबत से वो मुझे छुड़ाता है । मुझे कसी बात
क िचंता नह ं होती य क वो मेरा उयाल रखता है । वो मेरे बंधन से मुझे
छुड़ाता है और मेरे बोझ अपने ऊपर ले लेता है । जब मुझे ूाथना करना
नह ं आता तो वो मुझे िसखाता है और यहाँ तक क मेरे िलए ूाथना भी
करता है । मेरे ूभु महान है और उनक महानता का वणन करते समय मेरा
दल ध यवाद से भर आता है ।
***
अपने पुराने मनगढ़ं त वचार के कारण कई लोग अपने माग तो बनाते रहते
ह पर तु यीशु मसीह को ‘ वदे शी’ क़रार दे ते ह और उनके ूेम तथा बिलदान
का ितरःकार करते ह। म यह बात समझ नह ं पाता क वह ई र, िजसने
करोड़ – अरब कलोमीटर क ल बाई-चौड़ाई वाले ॄ ांड क रचना क , वो
इसी ॄ ांड के एक छोटे से सौरमंडल म नग य आकार के एक मह पर कुछ
75 उ ार
***
तो आप या सोचते ह क दकानदार
ु उनको बना क़ मत चुकाए जाने दे गा?
बलकुल नह ं।
अपने अपने जीवन म हम सभी अलग अलग तरह के गलत काम करते ह
िजससे हमारा अनंत जीवन हमसे खोता चला जाता है । आप या करते ह
वो उससे अलग हो सकता है जो म करता हँू पर अ ततः सभी पाप हम
आि मक मृ यु (परमे र से हमशा के िलए अलगाव) क ओर खींचते चले
जाते ह।
***
और 11वीं आयत म भी क –
फर म ी 18:19 म –
और म ी 21:22 म –
मरकुस 11:24 म भी –
और युह ना 15:7 म –
ये सभी बात मने अपने आि मक जीवन म धीरे -धीरे सीखीं जैसे जैसे म
प वऽ आ मा के चलाए जीवन जीता रहा। हालां क शु आत म तो मुझे ान
क बहत
ु सी बात नह ं पता थीं पर परमे र ारा दया नया जीवन, ब च
जैसा सरल व ास, ूाथना करने का तथा उ र पाने का उ साह और उसके
वचन क भूख थी जो मुझे सदा परमे र के साथ रखती थीं और मेर
ूाथनाओं के जवाब दलाती थीं। और म आज भी ये मानता हँू क परमे र
के साथ जीवन बताने के ूेम ह काफ ह, ान क कोई ूधानता नह ं है ।
87 ूाथनाओं के उ र
***
यह एक बहत
ु मह वपूण िस ा त है जो मने बाइबल से सीखा है और म
आपके साथ बांटना चाहता हँू । बाइबल अनेक वायद से भरपूर है । परमे र
के वायदे खज़ाने क चाबी क तरह ह जो क हम दे द गई है ।
***
जीवन से सा ा कार 88
गवा हयां
मुझे बहत
ु दःख
ु हआ
ु और म परमे र के सामने बहत
ु रोया। इस पूरे वाकये
म एक ह खुशी क बात मुझे नज़र आ रह थी, वो ये क पापा ने कहा क
अगर म तीन पर ाएँ जो अभी बची थीं, उनम पास होकर दखा दँ ू तो वो
शराब पीना छोड़ दगे। फर भी दिनयावी
ु तर के से मेरे पास कोई आशा नह ं
थी य क तीन ह पर ाएँ बड़ ूित त संःथान क थीं और मेरे िलए
इन सबम एकसाथ पास हो पाना बहत
ु मुिँकल था।
दसरे
ू दन फर म मी का फोन आया और उ ह ने मुझे ज द आने के िलए
कहा। उ ह ने फर बताया क बनारस जाने से पहले मुझे ड़क भी जाना
था य क म उसम भी पास हो गया था।
गिणत के एक ू का हल –
आवँयकता के समय व मान मदद
मुझे दसरे
ू और तीसरे भाग के सभी ू आते थे पर पहले भाग से एक भी
ू का हल नह ं आ रहा था। मुझे डर लगा क ऐसे तो म फेल ह हो
जाऊँगा। अब मुझे अपनी काबिलयत पर कोई भरोसा नह ं रहा। मने अपने
पेन-पेपर नीचे रखकर ूाथना करना शु कर दया।
ड़क म चच का िमलना –
अनपेि त जगह म ूाथना के उ र िमलना
पॉल य गी चो क एक कताब ‘ व ास क अ त
ु रे खा’ पढ़ने से हमने
बाइबल का ूाथना के वषय म एक िस ा त सीखा था और इसिलए न
िसफ हमने इस बात पर व ास कया क हम नौकर िमल चुक है बि क
हमने इस बात को सबके सामने बोलना भी शु कर दया।
“अब व ास आशा क हई
ु वःतुओं का िन य, और अनदे खी वःतुओं
का ूमाण है ।”
[इॄािनय 11:1]
कई लड़के बहत
ु नाराज़ हो रहे थे और क पनी को गालीयाँ दे रहे थे। उ ह
लग रहा था क बाद म क पनी ने िसफ खानापूित क थी, और िज हे वो
लेना चाहते थे उ ह पहले ह से चुन िलया था। मुझे बड़ शाि त के साथ
चलते दे ख उनम से कसी ने मुझसे पूछा क या मुझे गुःसा नह ं आ रहा
जीवन से सा ा कार 100
परमे र ने दिनया
ु क सोच से परे एक आ यकम हमारे जीवन म कया
था। लोग कहते थे क NIIT (इसर इं डया) क पनी नह ं आएगी, वो आई।
वो कहते थे क अथसाइं स डपाटमट के छाऽ को नह ं लेगी पर सभी लोग
जो चुने गए वो इसी वभाग के थे। और वो कहते थे क बृजेश और ूेरणा
को नह ं लेगी पर हम दोन को भी िलया।
हमार दसर
ू नौकर –
परमे र के वायद पर खड़े रहना
***
***
जीवन से सा ा कार 108
इसके बाद िसफ पापा ह बचे थे िजनका जीवन प रवतन होना अभी बाक
था। शु म अकेले म ह अपने प रवार के िलए दआ
ु कया करता था
ले कन धीरे धीरे परमे र ने मेरे प रवार को बचाया और ूाथना म मेरे
साथी बढ़ते चले गए और प रवार बदलता चला गया। अब हम सब पापा के
मो के िलए ूाथना करते थे।
***
पापा का उ ार
एकाएक वो जाग गये और मुझसे मेरे रोने का कारण पूछने लगे। उनक
बात का जवाब दे ने के बजाय म जोर जोर से रोने लगा। परमे र के प वऽ
आ मा ने मुझे बोलने के िलए श द दए। मने बड़े ह सरल श द म
परमे र पर व ास करने क तथा शराब छोड़ दे ने क वनती क । प वऽ
आ मा ने उनको छू िलया और उसी समय उ ह ने शराब छोड़ दे ने का
िनणय िलया।
द ली पहँु चने के बाद पापा का इलाज शु कराया गया। उनका शूगर लेवल
ु ऊँचा चला गया था और शराब एकाएक बंद कर दे ने के कारण उनको
बहत
बहत
ु बेचैनी भी हो रह थी। वो 2-3 दन तक सो नह ं सके और बहत
ु बेचन
ै
ु ढंू ढने पर भी
होकर उ ह ने मुझे नींद क दवाई लाने के िलए कहा। बहत
कोई हम बना डॉ टर क सलाह के दवा दे ने को तैयार नह ं था। उनक
छटपटाहट दे ख उस दन हमने िमलकर उनके िलए ूाथना क और उस रात
जीवन से सा ा कार 114
उनको बहत
ु अ छ नींद आई।
***
***
हम अपनी दिनयावी
ु आशीष के, जो दखती ह, पीछे लगे रहते ह और बढ़
चढ़कर बताते ह पर आि मक आशीष को भूल जाते ह या उनक धुन म
नह ं रहते ह। स चाई ये है क भौितक वःतुएँ अ छ तो ह और ूभु का
ध यवाद करने यो य भी ह पर इससे कह ं यादा ध यवाद के यो य हमार
वो आशीष ह जो अनंतकाल तक हमारे साथ रहगी। परमे र िसखाता है क
य द हम उसक प वऽता क और उसके रा य क खोज कर तो बा क ये
सब वःतुएँ तो हम ःवतः ह िमल जाएँगी।
“और हम तो दे खी हई
ु वःतुओं को नह ं पर तु अनदे खी वःतुओं को
दे खते रहते ह, य क दे खी हई
ु वःतुएँ थोड़े ह दन क ह, पर तु अनदे खी
वःतुएँ सदा बनी रहती ह।”
[2 कु रि थय 4:18]
***
य द परमे र क बताई हई
ु आशीष क हम एक सूची बनाएँ तो इसम पाप
क मा, परमे र से जुड़ना, ई र से हमारे अलगाव का समा होना, अनंत
जीवन तथा स ची खुशी जो क प रिःथितय पर िनभर नह ं करती इसका
एक भाग ह गी। परमे र का प वऽ ूेम, उसक शांित, उसक काबिलयत पर
व ास, हमारे जीने के िलए उसक कृ पा और ूभु यीशु के नाम से क गई
ूाथनाओं के उ र भी उसी सूची म सि मिलत ह गी।
***
जीवन से सा ा कार 124
परमे र क शांित
हर परे शानी म माग सुझाने वाला परमे र आपके साथ होगा। बीमा रयाँ आ
सकती ह पर व ास करने वाल को चंगाई दे ने वाला परमे र हमारे साथ
होगा। अपने पाप से मन फराने और यीशु मसीह म व ास करने के बाद
पाप के व हमम एक सामथ काम करती है जो हम िसखाती है क हम
या कर और या नह ं।
***
पापा अपने जीवन के सबसे बुरे ःवभाव का ूदशन कर रहे थे। उनके इस
ःवभाव से दादाजी का दमागी संतल
ु न बगड़ने लगा और उ ह कह ं कोई
आशा नज़र नह ं आती थी। आिखरकार फरवर के अंत म वो हम छोड़कर
इस दिनया
ु से चले गए।
***
मेरे जीवन म यादा लोग ऐसे थे िजनसे मुझे माफ माँगनी थी बजाय
उनके िजनको मुझे माफ करना था। मने पहले परमे र से और फर उनसे,
िजनसे मुझे माफ माँगनी थी, माफ माँगी। तब से लेकर अब म हर दन
अपनी रोजाना क गलितय से प ाताप कर परमे र के यो य जीवन
बताता हँू ।
“तुम सुन चुके हो, क कहा गया था; क अपने पड़ोसी से ूेम रखना,
और अपने बैर से बैर। परं तु म तुम से यह कहता हँू , क अपने बै रय से
ूेम रखो और अपने सतानेवाल के िलये ूाथना करो।”
[म ी 5:43, 44]
129 आशीष
***
जबसे मने ूभु यीशु को पा िलया है तबसे मेर जीवन नैया के खेवनहार वो
ह है और म आराम से रह सकता हँू य क म जानता हँू क उ ह सब
मालूम है । वो सब कुछ सह करते ह। अपने जीवन क उन क ठन
प रिःथितय को, िजनम पहले हम हारा हआ
ु महसूस करते थे, उनम
परमे र हम वजय दलाता है और उ ह हमारे आधीनता म ले आता है ।
***
मौत का भय नह ं रहा
मौत का भय अब मुझम नह ं है ।
इस दिनया
ु म एयादातर लोग मौत से भय खाते ह। इसके पीछे मु य
कारण ये है क उ ह यह नह ं मालूम क मरने के बाद हमारा या होता है ।
हमार आ मा कहाँ जाती है ? भ वंय क अिनि तता ह भय को लाती है ।
दसरा
ू कारक िजसके कारण लोग मृ यु से डरते ह वो है – मेरे बाद मेरे
प रवार का या होगा, मेर प ी, मेरे ब चे, मेरे माता- पता। ूभु यीशु म
मेरे पास एक आशा है य क वो मेर सुिध लेते ह। म जानता हँू क जो
परमे र मेर ज़ रत पूरा करता है वो मेरे प रवार क भी ज़ रत पूर करने
जीवन से सा ा कार 132
और म ी 6:31, 32 म –
***
***
सफलता और समृ
“ या ह ध य है वह पु ष जो द ु क यु पर नह ं चलता, और न
पा पय के माग म खड़ा होता; और न ठ ठा करनेवाल क म डली म
बैठता है । पर तु वह तो यहोवा क यवःथा से ूस न रहता; और उसक
यवःथा पर रात दन यान करता रहता है । वह उस वृ के समान है ,
जो बहती नािलय के कनारे लगाया गया है । और अपनी ऋतु म फलता है ,
और िजसके प े मुरझाते नह ं। इसिलये जो कुछ वह पु ष करे वह सफल
होता है ।”
ऐसा नह ं है क म बहत
ु धनी हो गया हँू पर आज मेरे पास परमे र क द
हई
ु वो सब भौितक चीज ह जो इस दिनया
ु म जीने के िलये हम आवँयक
ह। जो भी मेरे चीज मेरे पास ह उनके िलये म परमे र का ध यवाद कर
उनको ूयोग करता रहता हँू । वे मेरे िलये काम क तो ह पर मह वपूण
नह ं है । म उनम घम ड नह ं करता बि क अपने परमे र म घम ड करता
हँू जो मुझे वो सब भली वःतुएँ दे ता है । म अपने परमे र से िनरं तर ूेम
करता रहँू गा चाहे इस दिनया
ु क वःतुएँ मेरे पास रहे या न रहे ।
***
परमे र से िमऽता
घर पहँु चने के बाद मने सबसे पहले माउस का पैकेट खोला। मुझे बड़ा
आ य हआ
ु य क पैकेट पर USB िलखा था जब क यह माउस PS2 तरह
का था जो क मेरे क यूटर म काम नह ं आ सकता था। इसके बाद मने
बड़ आशाओं के साथ वैबकैम का पैकेट खोला तो पाया क इसक साइवर
ू हई
सीड टट ु थी। आिखर म इं टरनेट केबल को इःतेमाल करने क कोिशश
क तो इसम भी मुझे असफलता ह िमली। ये केबल इं टरनेट के िलये नह ं
थी।
हमने ूभु से माफ माँगी और अपनी गलती ःवीकार क । इसके बाद हमने
िगदौन क तरह एक बड़ अनोखी बात ूभु से कह । हमने कहा क य द
ूभु ने हम माफ कर दया तो हम इन चीज का पैसा वापस दला द।
अनोखी इसिलये य क यह दकान
ु इस बात के िलये ूिस है क इसम वे
पैसा वापस नह ं दे ते बि क एक वाउचर दे ते ह िजससे माहक उसी दकान
ु म
अ य चीज क खर ददार कर सक।
137 आशीष
परमे र ने अपने वचन म िलखा हरे क वायदा मेरे जीवन म पूरा कया है ।
म कई बार व ासह न और अयो य बन गया पर वो मुझसे िनरं तर ूेम
करता रहा। आपके िलये भी ऐसा ह करने के िलये वो त पर है । आप अपने
पुराने सारे पूवामह को आज छोड़ द और व ास कर क वो परमे र का
पुऽ मसीह है जो आपके पाप क क मत चुकाने इस धरती पर इं सान
बनकर आया, आपके खाितर मारा गया, गाड़ा गया और फर जी उठा और
जी वत ःवग म उठा िलया गया। उसको अपने जीवन म ःथान द और
उसक अगुवाई म जीवन यतीत कर।
जीवन से सा ा कार 138
पाओ
दसर
ू सीमा हमने पार क िजसम हमने दे खा क हम परमे र से कैसी कैसी
आि मक और भौितक आशीष पा सकते ह।
वो हमार दिनयावी
ु ज़ रत को भी पूरा करता है । वो हमारा पता है जो
हमारे माँगने से भी पहले हमार सार आव कताओं को जानता है और
व ास के ारा मांगने पर उनक पूित भी करता है । यहाँ तक क य द हम
उसक आ ाओं का पालन करते हए
ु आःथा का प वऽ जीवन बताय तो वो
अपने आप भी हमार सभी ज़ रत को पूरा करता रहता है ता क दिनया
ु के
सामने हम हाथ न फैलाना पड़े ।
जाओ
फर भी िन न बात से आप शु आत कर सकते ह:
परमे र से बात कर – रोज़ ूाथना कर
आ मा को भोजन द – हर दन बाइबल पढ़
व ास म जड़ पकड़ – हमशा संगित म रह
ूेम बाँट – अपने व ास क गवाह द
हर दन ूाथना
हर दन बाइबल अ ययन
य द हम अपने शर र को तो भोजन द पर आ मा को नह ं तो फर शर र
तो मज़बूत होता चला जाता है परं तु आ मा ीण होती चली जाती है । और
फर य द कभी आ मा और शर र म कसी पर ा क घड़ म ं द होता है
तो यह बात बहत
ु आसानी से समझ म आनी चा हए क य आ मा हार
जाती है और परमे र के व हम पाप कर बैठते ह।
व ास म जड़ पकड़ना
और एक दसरे
ू के साथ इक ठा होना ना छोड़, जैसे क कतन क
र ित है , पर एक दसरे
ू को समझाते रह; और य य उस दन को िनकट
आते दे खो य य और भी अिधक यह कया करो।
[इॄािनय 10:25]
“अतः जैसे तुम ने मसीह यीशु को ूभु करके महण कर िलया है ; वैसे
ह उसी म चलते रहो, और उसी म जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे
तुम िसखाए गए वैसे ह व ास म ढ़ होते जाओ, और अिधकािधक
ध यवाद करते रहो।”
147 ई र य जीवन कैसे जीय
इसी उ े ँय को लेकर ूभु यीशु हमारे बीच म इं सान बनकर आये जैसा क
लूका रिचत सुसमाचार म (लूका 19:10) िलखा भी है -
***
***
गवा हय ारा उ ार
(उदाहरण – ूेरणा का उ ार)
हम लोग हर रोज रात 8 बजे िमलकर मेर िग डयन बाइबल से पढ़ने लगे
और साथ साथ म व ास म बढ़ने लगे। िसत बर 2000 म उसने पानी का
बपितःमा लेकर अपने व ास तथा जीवन प रवतन क गवाह द और
पुराने तौर-तर के छोड़कर ूभु यीशु को व ास के ारा अपने जीवन का
ःवामी करके ःवीकार कया।
आज वो आ मा म नया ज म पाई हई
ु ूभु यीशु क व ासी है जो अपने
॑दय, बु और बल से परमे र से ूेम करती है । अब वो मेर प ी है
और म ूभु का ध यवाद करता हँू क परमे र क दया से हम एक अ छा,
संतिु लत मसीह प रवार बन सके ह िजससे कई लोग को ूेरणा िमलती है ।
***
151 ई र य जीवन कैसे जीय
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जीवन से सा ा कार 154
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भरोसा क िजए, न तो कोई आपके साथ पैदा हुआ था और न ह कोई आपके साथ
मरे गा। न ह कोई याय िसंहासन के सामने आपके बदले पाप का लेखा जोखा
दे गा। हम सब को यह अकेले ह करना है ।
दसर
ू बात ये क जब हम गलत (ई र, प रवार और समाज को नापसंद) काम
करते ह – जैसे शराब और िसगरे ट का सेवन करना, वासनामयी वचार करना, झूठ
बोलना, घम ड करना इ या द, तो या हम कसी से पूछकर करते ह। नह ं, वो सब
बात हम अपने आप करने लगते ह। तो फर ई र य िनणय लेने म कसी से डरने
क या पूछने क या ज़ रत है ? सोिचए, य द आप उ ार पा ल, तो शायद और
को भी नक क ओर जाने से रोक सक।
हमने अपना नाम नह ं बदला है । मेरा नाम बृजेश है , मेर प ी का नाम ूेरणा है
और हमारा बेटा ूांजल है ।
“दे ख, मेर वाचा तेरे साथ ब धी रहे गी, इसिलये तू जाितय के समूह का
मूल पता हो जाएगा। इसिलये अब से तेरा नाम अॄाम न रहे गा, पर तु तेरा नाम
अॄाहम होगा; य क म ने तुझे जाितय के समूह का मूल पता ठहरा दया है । म
तुझे अ य त फलव त क ँ गा, और तुझ को जाित जाित का मूल बना दँ ग
ू ा, और
तेरे वंश म राजा उ प न ह गे।
[उ प 17:4-6]
ू ा क आप जो भी
फर भी य द इस सवाल के जवाब म म आपको यह सलाह दँ ग
यौहार मनाना चाहते ह उसके उन सभी काय से बच िजनम आप स चे और
जी वत परमे र क इ छाओं का स मान नह ं कर सकते। ऐसे मौक पर आप अपने
प रवार और िमऽ के साथ समय बता सकते ह और ूेम के साथ उनको परमे र
क स चाइय के बारे म और बता सकते ह।
ले कन, य द िसफ आदरवश कोई प ी अपने पित के पैर छुए तो इसे गलत नह ं
ठहराया जा सकता। बाइबल भी पित को प रवार का अगुवा (िसर) मानकर प ी को
उसके सम नॆ बनना िसखाती है , परं तु साथ ह पित को मसीह जैसा ूेम अपनी
प ी से करने के िलए भी आ ा दे ती है ।
जीवन से सा ा कार vi
दसरे
ू हाथ पर य द हम तकनीक तौर पर जीव ह या के पाप क स चाई को जाँच
तो हम पाएँगे क हम ूाणी को मारने से अपने आपको बचा ह नह ं सकते। सड़क
पर चलते कतने ह छोटे छोटे जीव हमारे पैर के नीचे आकर मर जाते ह, फर
या वो पाप नह ं? व ान कहता है क पौध म भी ूाण है तो या उनको खाकर
हम पाप नह ं करते? इस आधार पर तो हम जी ह नह ं सकते इसिलये मेरे वचार
म इस बात पर ववाद करना यथ है ।
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